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Feb 2015
'''''''''''''''''  ये कैसी आजादी  ?? '''''''''''''''
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आजाद कहाँ हम ?
ये कैसी आजादी ?
गुलामों से बढ कर
हमारी बरबादी ॥

दिया एक भी जला नहीं किसी घर में,
गरीब हम , क्या खाएँ, चूल्हा ठंढा घर में,
मिटे कैसे भूख जो पलती उदर मे।
बाहर भी जाएं तो खौफ जिगर मे,
आतंकी अनहोनियाँ नगर मे, ड्गर मे ॥

आजाद कहाँ हम ?
जब सुरसा महँगाई
निवाले पे खतरा
सरकारी बेहयाई ॥

समझों किस हालत में देश अपना आज है ।
लोग यहाँ चूहे तो नेतागण बाज है ॥
देश की स्टीयरिंग थामे घोटालेबाज है ॥
जो करे विरोध उस पर गिरती गाज है ॥
बस कहने को देश में जनता का राज है ॥


- सुरज कुमर सिहँ
दिनांक :- 07 / 11 / 2010
suraj kumar singh
Written by
suraj kumar singh  ODISHA
(ODISHA)   
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