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Jan 2015
मै मानव हूँ , मै आशा हूँ !

मै निर्बंध हूँ, मै बंधा नहीं !

मै राह हूँ , मै रूका नहीं !

मै चेतना हूँ , मै थका नहीं !

मै देह हूँ , मै आत्मा भी !

मै धर्म हूँ , मै कर्म भी !

मै मानव हूँ , मै आशा हूँ !

मै अग्नि हूँ, मै अग्नि की धधकार भी !

मै वायू हूँ , मै वायू की रफ़्तार भी !

मै जल हूँ, मै जल…
Arunnanand
Written by
Arunnanand  new delhi
(new delhi)   
412
 
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