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यूँ खो ना जाना तू कहीं,
ख़्वाहिश-ए-हज़ूम में।
जो मिला है, सो तेरे पास है,
ना वो खो देना ज़नून में।।
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भरोसा-ए-ज़िन्दग़ानी कुछ नही,
इस लिये बस होशला रख जो़श में।
ना अब देर कर, उठ चल संभल जरा,
सौंप दे खुदी को, उस प्रभु के हज़ूर में।।
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© deovrat 21-06-2018