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Deovrat Sharma Oct 2018
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jasmine buds
partially blooming
possess all the attractions
spreading fragrance

looks so insensitive
and innocents
having dazzling attitude
along with little delicacies

it is to belive... may be true
no one here to
understand or listen
language of silence

there is something
very special that's why
excited heart beats
feeling strong eagerness

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©deovrat 12.10.2018
Deovrat Sharma Oct 2018
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दिल-ए-नादां जो संभाले
से सम्भल गया होता।
ग़म-ओ-दुश्वारी-ए-दामन से
कब का निकल गया होता।।

ऐसी तन्हाइयां कहाँ मिलती
तब कारवाँ-ए-इश्क़ में।
आगाज़-ए-मोहब्बत में
गर ना फ़िसल गया होता।।

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©deovrat 11.10.2018
Deovrat Sharma Oct 2018
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मोगरे की कली
मुश्क़अफसां
अधखिली।
गुन्चा-ओ-गुल
की कशिश
उन अदाओं में है।।
है वो मासूम सी
और बेहिस है वो।
शोख़ अंदाज़ है
कुछ नज़ाकत भी है।।

अब बशर
कोई ऐसा
कहाँ है यहाँ।
जो सुनता
समझता हो
खामोशियाँ।।
मान लो
कुछ तो है जो
बोहत ख़ास है।
दिल जो घायल
हुआ उसकी
चाहत में है।।

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©deovrat 09.10.2018

मुश्कअफ्शां=spreading fragrance
बेहिस=insensitive
Deovrat Sharma Oct 2018
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अबशार-ए-अश्क़ पे
ना तो दिल पे ऐतबार है।
हर लमहा ज़िंदगी का अब
यूँ  ही ख़ुशगवार है।।

दुनिया की तोहमतों की
नही परवाह वो करते।
क़ल्ब-ओ-जिग़र ज़हन लहू
नसों में जिनके प्यार है।।

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©deovrat 05.10.2018
Deovrat Sharma Oct 2018
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अश्क़ मेरे...
तेरे रुख़सार पे
क्यूँ बहते हैं।
कहीं ये...
सच तो नही हम
तेरे दिल में रहते हैं।।
◆◆◆

रोज अर्श से...
दबे पाँव, ज़मीं पर
उतरता है।
वो चाँद...
छत पे मेरी है,
ये लोग कहते हैं।।
◆◆◆

अश्क़बारी...
का वो आलम भी,
अज़ब होता है।
सुकून-ए-दिल है...
मगर फिर भी,
अश्क़ बहते हैं।।
◆◆◆

तू कब तलक...
ख़फा रहेगा जरा,
बता दे मुझे।
ना मिल सकेंगे...
कभी हम,
ये सब भला क्यूँ कहते हैं।।
◆◆◆

कितनी यादें...
ख़ुद के दामन में,  
सिमट आयी हैं।
फिर ये....
कैसे कहें हम,
कि तनहा रहते हैं।।

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©deovrat 01.10.2018
Deovrat Sharma Sep 2018
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कुछ बारिशें कुछ मस्तियाँ
उन ज़ुल्फों से अटखेलियां।
वो बहार थी जो गुज़र गई
अब गर्दिशों का ग़ुबार है।।

वो समा था वस्ले ख़ुमार का
ये फ़िज़ा है तन्हा उदास सी।
शाख-ए-ग़ुल की बात क्या
ये हयात उजड़ा दयार है।।

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©deovrat 28.09.2018
Deovrat Sharma Sep 2018
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आबे-रवां है जिन्दग़ी
मुश्कअफ्शां तेरा ख़याल।।

हर शः में तेरा अक्स है
मोअत्तर तेरा जमाल।।

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©deovrat 24.09.2018

आबे-रवां=flowing water
मुश्कअफ्शां=spreading fragrance
मोअत्तर=aromatic
जमाल=Beauty
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