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Shrivastva MK Jan 2019
ये बात सच है कि ज़िन्दगी भर कोई किसी का साथ नही निभाता,
गर भूल जाते बेवफ़ा बनकर तुझे,तो आज हँसकर अपना दर्द नही छुपाता,

एक वक्त वो भी था जब तुम्हारी मोहब्बत का मिशाल दिया करते,
एक वक्त ये भी है जब खुद को आज खुद ही नही समझ पाता,

ख़ामोश हु इसका मतलब ये नही की ज़ख्म भर गए हैं,
खामोश अब इसलिए हु क्योंकि ये दिल अब प्यार की भाषा नही समझ पाता,

अरे लोगों की नजरों में तो हम कल भी बुरे थे और आज भी बुरे है,
काश! तुम भी एक बार कह जाते
तो या तो उस मोहब्बत को जला देता या खुद ही जल जाता....
Shrivastva MK Dec 2018
सोचा ना था कि तुम पलभर में इस क़दर बदल जाओगे,
मेरी साँसे साथ तो रहेगी और तुम दूर चले जाओगे,

जिस ईश्क़-ए-इबादत में खुद को महफूज़ रखा करता,
सोचा ना था कि उसी मोहब्बत की आड़ में तुम हमें इस क़दर जला जाओगे,

ज़िन्दगी बेशक़ तुम्हारे बग़ैर खुशी के साथ जीते है,
सोचा ना था कि तुम मेरा बनकर मेरे अहसासों का सरेआम क़त्ल कर जाओगे,

ये तो पता था कि अक़्सर इश्क़ में अश्क़ उपहार दिए जाते है,
सोचा ना था कि हमें तुम इस क़दर ग़ैर बना जाओगे,

जिन नज़रों से कभी तुम्हारी राह तकता,
सोचा ना था उन्हीं नज़रों में समा नज़ारे ही छीन जाओगे,

शुक्रिया तो फ़िर भी हम तुम्हारा तहे दिल से करेंगे,
सोचा ना था कि तुम हमें ज़िन्दगी का इतना खूबसूरत पाठ पढ़ा जाओगे,
Shrivastva MK Dec 2018
डर इस बात का नही है कि हम एक दूसरे से अलग हो जाए,
डर तो इस बात का है कि हम साथ रहकर भी कहीं अज़नबी ना हो जाए,

ये सच है कि हमें खुद से ज्यादा आपसे मोहब्बत है,
पर इस वक़्त का क्या?जो बिन बताये ही पलट जाए,

लफ्ज़ और असलियत में बस फर्क इतना सा है,
एक सुना तो जाना, एक हुआ तब समझ आए,

अरे कैसे समझाऊँ खुद को ,की यहाँ इंसान बेवक़्त ही बदल जाते है,
पर क्या करे दील होता ही ऐसा है,जब लग जाए ठोकर इसे तब समझ आए,

यहाँ हज़ार मतलब मिलेंगे ज़िन्दगी और मौत का,
बस फर्क इतना सा है कि ज़िन्दगी हो तो अपनो के साथ,या ख़ुद के लिए चैन की नींद सो जाए,

कुछ यूं बदल गयी ज़िन्दगी मेरी ,जिसे कल लोग बेबाक़ बातें कहते,
आज जब दिल टूटा  तो वो बेबाक़ बाते भी किसी को सायरी लगती तो कोई गज़ल समझ जाए।
Shrivastva MK Nov 2018
आज आँखों मे आँसू लेकर देखो कितने सम्भल गए है हम,
कुछ ने हमें अपना समझा और कुछ को लगा कितने बदल गए है हम,

खैर आज हम ख़ामोश है क्योंकि ये वक़्त बेवक़्त हो गया है,
कल ख़ुश था मुझपर आज थोड़ा शख़्त हो गया है,

रौशनी की तलाश में ,अँधेरों में कितने ढल गए है हम,
कुछ ने हमे अपना समझा कुछ को लगा कितने बदल गए है हम,

ख़ैर ज़िन्दा हु मैं अभी पर थोड़ा अपनी साँसों से घबराया हुआ हूँ,
काश! मुझे भी थोड़ी जगह वहाँ मिल जाती जहाँ से मैं आया हुआ हूँ,

देखो आज ज़िन्दगी की इस दौर में कितने फिसल गए है हम,
कुछ ने हमे अपना समझा कुछ को लगा कितने बदल गए है हम,

दर्द खुद का नही अपनों का साथ छूट जाने का है,
शिकायत रब से भी नही वक़्त का वक़्त से पहले रुठ जाने का है,

रिश्ते निभाते निभाते रिश्तों की आग में ही जल गए है हम,
कुछ ने हमे अपना समझा कुछ को लगा कितने बदल गए है हम,
Shrivastva MK Oct 2018
शुक्रगुजार हूँ मैं उस रब का जो आपको अपनी हमसफ़र के रूप में पाया,
आपसे ही मिलती इस दिल को तस्सली सिर्फ आपसे ही है जीना आया,

यू तो प्यार के भी लोग कई नाम दे देते है इस जहां में,
पर ये प्यार बिन नाम के ही है हमारे साँसों में है समाया,

सच तो यह भी है बिन आपके एकपल का सफ़र बड़ा मुश्किल सा लगता है,
जब से हुई है मोहब्बत आपसे ऐसा लगता कि फ़िर से इन साँसों में जान है आया,

ये सच है कि आपकी मुस्कुराहट आज मेरी जीने की वज़ह है,
आपको पाया है जबसे ऐसा लगता उस ख़ुदा का नक्श है पाया,

अरे यहाँ तो लोग इस मोहब्बत को मिटाने की लाख कोशिश करते हैं
ख़ैर ना आजतक किसी से मिटा है ये प्यार ना कोई अबतक मिटा पाया,

मुक्कमल तो तब भी होगा जब ज़ुदा हम अपनी साँसों से हो जाये
ये नाही हम कहते ना वो कहते ये उस ख़ुदा का पैग़ाम है आया,

बेशक़ आप हमें समाप्त कर सकते हो साहब पर ये तो बताइए
की उसे कैसे समाप्त करोगे जो इस रूह में है समाया,
जो मेरे रग रग में है समाया......
Shrivastva MK Oct 2018
खुद के आँसू छुपा माँ बच्चो के सामने मुस्कुराती हो,
बताओ ना माँ तुम इतना दर्द हमसे कैसे छुपाती हो,

माँ ये धरती ये अम्बर तो तेरे पूण्य से बना है,
इंसान को ही नही तूने उस रब को भी जना है,

जलती हुई धूप में माँ तेरी ममता का छाया है,
शायद मेरे कर्म अच्छे थे जो मैंने तुमको माँ के रूप में पाया है,

तू ख़ुद भूखे रहकर माँ हमें खिलाती हो,
बताओ ना माँ तूम इतना दर्द कैसे छुपाती हो,

माँ तू हमारा मंदिर तू हमारा पहला  प्यार है,
तू है तो जीत है तू नही तो जीतकर भी हार है,

माँ तेरी दुआओं के सामने किसी दवा की जरूरत नही पड़ती,
एक तू ही तो है मेरी माँ जो अपनी फूँक से भी हमारा दर्द हर लेती,

हमारी जीवन की हर अनसुलझी पहेली को तुम सुलझाती हो,
बताओ ना  मेरी प्यारी माँ तुम इतना दर्द कैसे छुपाती हो,

माँ तेरी करुणा,प्यार इस जगत में अनेक है,
बच्चों की नियत बदल जाती माँ की नीयत तीनों लोक में नेक है,

हम चैन से सोये इसलिए माँ तुम रातभर जगी रहती हो,
देखो माँ तुम्हारी बनायी दुनिया मे भी आज तुम घर के कोने में पड़ी रहती हो,

माँ खुद के सपनें भूल तुम हमें सपनें दिखती हो,
बताओ ना माँ तुम इतना दर्द कैसे छुपाती हो.....
इतना दर्द माँ कैसे छुपाती हो..
Shrivastva MK Oct 2018
वक़्त बदल गया अब तुझसे वो शराफ़त ना रही,
ये सच है कि अब हमे तुमसे वो मोहब्बत ना रही,

जिन हवाओं की सरसराहट से अक्सर तुझे पहचान लेता,
तू छुप जाए कहीं तो तेरी आहट से तुझे जान लेता,
देख वक़्त के साथ उन हवाओं में छुपी वो सरसराहट ना रही,
हमे अब तुमसे मोहब्बत ना रही,

एक आदत सी थी हमें हरवक्त तेरे ख्यालों में खोने की,
हरपल तेरा ज़िक्र करना तेरी तस्वीरों को देखकर सोने की,
देख आज इन लबों पें हर वक़्त तेरे ज़िक्र ए आदत ना रही,
हमें अब तुमसे मोहब्बत ना रही,

एक वक्त था जब तेरे अश्क़-ए-आंखों से हमे नफरत थी,
ख़ुद का दर्द छुपकर तुझे हँसाते रहना ही हमारी फ़ितरत थी,
आ देख हमे ग़ौर से आज वो अश्क़-ए-इबादत ना रही,
ये सच है कि आज हमें तुमसे मोहब्बत ना रही,

यकीं ना था हमें की वक़्त के साथ तू भी बदल जाएगी,
मासूमियत की आड़ में छिपे तेरी असली तस्वीर नज़र आएगी,
आ देख आज वो तेरे साथ सैर ओ सरारत ना रही,
हमे अब तुमसे मोहब्बत ना रही,

एक वक़्त था जब तुझसे पहले खुद पहुँच जाया करता,
जब देखता तेरी आँखों मे खुद को भूल जाया करता,
आज उस पल में वो पुरानी शामत ना रही,
हमें तुमसे मोहब्बत ना रही....
हमें तुमसे मोहब्बत ना रही.....
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