एक अराजक समय में
जीवन बिताते हुए
पड़ोस अच्छा होने के बावजूद
हरदम मनमुटाव होने का खटका बना रहता है ,
जबकि मेरे पड़ोसी
सहयोग और सद्भाव बनाए रखें हैं।
मैं अपनी मानसिकता की बाबत क्या कहूं ?
यह भी सच है कि यदि कोई
विनम्रता पूर्वक आग्रह करे,
तो मैं सहर्ष अपार कष्ट सहने को तैयार हूं
और कोई बेवजह धौंस पट्टी जमाना चाहे
तो उसे मुंह तोड़ जवाब दूं ,
अन्याय हरगिज़ न सहन करूं।
एक अराजक समय में
जीवन गुजारने के लिए
मेरे देशवासी मजबूर हैं ,
बेशक उनके इरादे बेहद मजबूत हैं।
आंतक और आंतकवाद से
जूझते हुए उन्होंने संताप झेला है।
इस वजह से उनका जीवन बना झमेला है।
मेरे दो पड़ोसी देश
आज बने हुए
चोर चोर मौसेरे भाई हैं।