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जिन्दगी में
संवाद के अभाव में
अक्सर हो जाया करता है
मन मुटाव ,
अतः परस्पर
संवाद रचाया जाए ।
एक दूसरे तक
अपनी चाहतों को
शांत रहकर
पहुंचाया जाए ,
ताकि समय रहते
सब संभल जाएं ।
वे सब अपने मनोभाव
सहजता से
अभिव्यक्त कर पाएं ।
संवाद स्थापना को
विवादों से ऊपर रखा जाए ,
अनावश्यक असंतोष को
बेवजह तूल न दिया जाए ,
बल्कि जीवन में
अपने को बेहतर करने के लिए
प्रयास किए जाएं ,
हो सके तो मतभेद मिटा दिए जाएं।
संवाद स्थापना की ओर
अपनी समस्त संवेदना
और सहृदयता के साथ बढ़ा जाए।
इसके लिए अपरिहार्य है कि
जीवन को विषमताओं से बचाया जाए ,
जीवन पथ को कंटकविहीन बनाया जाए।
१०/०३/२०२५.
अपने जीवन में
उतार चढ़ावों के
बीच से गुजरते हुए
फैसला लेना
कतई होता नहीं आसान।
जब आप ले लेते हैं
बहुत सोच विचार के बाद
अपनी बाबत
कोई सटीक फैसला
और वह मुफीद भी बैठता है ,
आप मन ही मन में
होते हैं खुश और संतुष्ट।
समय पर लिया गया
फैसला आदमी के जीवन में
सार्थक बदलाव ला देता है ,
यह किसी हद तक
आप को विशिष्ट बना देता है।
यह सब निर्भर करता है
आपके शैक्षणिक कौशल पर।
यही योग्यता देती है
आदमी को फैसला लेने का हुनर !
तभी तो कहा जाता है कि
शिक्षा ही है इन्सान का सच्चा जेवर !
जिसे यह मिल जाए जीवन में,
उसके देखते ही बनते हैं तेवर।
वह जीवन में सार्थकता का
अहसास पग पग पर कर पाता है।
जीवन में स्वत: आगे बढ़  पाता है।
०९/०३/२०२५.
कभी कभी
कैलेंडर को
मज़ाक करने का
मौका हो
जाता है मयस्सर।
आदमी की गलती
बन जाया करती है
कैलेंडर के
मज़ाक करने का सबब।
आज शनिवार को
मुझे एकादशी का व्रत
पिछले महीने की तिथि के
अनुसार आधे दिन तक रखना पड़ा।
यह तो अचानक
श्रीमती ने फोन पर
एकादशी के
सोमवार को होने की
बाबत बताया।
मैं जब घर आया
तो दीवार पर टंगे
कैलेंडर पर
फरवरी के महीने वाला
पृष्ठ नजर आया,
जबकि महीना मार्च का
चल रहा था।
आज आठ मार्च है ,
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस।
मैं महीने के ख़त्म होने पर भी
अगले महीने को इंगित करने वाला
पृष्ठ पलट नहीं पाया था।
फलत: कैलेंडर को
मज़ाक करने का
मिल गया था अवसर
और मैं एकादशी होने के
भ्रम का शिकार।
घर पर सभी सदस्यों ने
कैलेंडर के संग
मुझे हँसी मज़ाक का
पात्र बनाया था।
मैं सचमुच खिसिया गया था।
०८/०३/२०२५.
मनुष्य के समस्त  कार्यकलापों का
है आधार,
भावनाओं का व्यापार।
कोई भी
व्यवसाय को
देखिए और समझिए,
एक सीधा सा
गणित नज़र आता है,
वह है
भावनाओं को समझना
और तदनुरूप
अपना कार्य करना ,
अपने को ढालना।
यह भावनाएं ही हैं
जो हमें जीवन धारा से
जोड़े रखती हैं,
हमारे भीतर जीवंतता
बनाए रखती हैं।
जिसने भी
इन्हें समझ लिया,
उसने अपना उन्नति पथ
प्रशस्त कर लिया।
यह वह व्यापार है
जो कभी फीका नहीं पड़ता,
इसे करने वाला
जीवन में न केवल प्रखर
है होता रहता ,
बल्कि वह संतुलित दृष्टिकोण से
निरन्तर आगे ही आगे है बढ़ता।
भावनाओं का व्यापारी
दर्शन और मनोविज्ञान का
है ज्ञाता होता ,और वह सतत्
अपना परिष्कार करता रहता,
जीवन यात्रा को
आसानी से गंतव्य तक पहुंचाता।
०८/०३/२०२५.
दोस्त!
अगले सप्ताह
आज के दिन
यानिकि
शुक्रवार अर्थात् जुम्मे को
बहुप्रतीक्षित
रंगों का त्योहार
होली है।
इस बार
हम सब होली खेलेंगे ,
मगर सलीके से !
पर्यावरण को ध्यान में
रखते हुए !
मानसिक शांति को
अपने मानस में
संभल संभल कर
धरते हुए !
ताकि फिर से
देश में संभल को
दोहराया न जा सके।
देश दुनिया के
सौहार्द पूर्ण वातावरण को
प्रदूषित न किया जा सके।

होली सभी का त्योहार है ,
अच्छा रहेगा इसे सब मनाएं ,
पर यदि किसी को रंगे जाना
दिल ओ दिमाग से पसंद नहीं ,
उसे बिल्कुल न रंगा जाना होगा सही।
बाहर से भले ही हम रंगों से करें गुरेज़!
कोशिश करें हम भीतर से रंगे जाएं !
हरगिज़ हरगिज़ नहीं
हम जीवन में किसी को
रंगे सियार से नज़र आएं !
हम दिल से होली का त्योहार मनाएं ,
बेशक हम किसी को जबरन रंग न लगाएं।
रंग जीवन के चारों तरफ़ फैले हुए हैं ,
मन को हम पावन रखें ,
हम करतार के रंगों से रंगे हुए हैं।
स्व निर्मित अनुशासन से बंधे हुए हैं।
हमारे क़दम संस्कारों से सधे हुए हैं।
जीवन में हम सब जिद्दी न बने।
आज देश दुनिया अराजकता के मुहाने पर है।
बहुतों की अक्ल ठिकाने पर नहीं है ,
अतः सब होली की सद्भावना को चुनें ,
किसी के उकसावे में आकर कतई न लड़ें!
परस्पर तालमेल कायम करते हुए सब आगे बढ़ें।
०७/०३/२०२५.
आदमी
मुख से
कुछ न कहे ,
तब भी उसकी
मुस्कान बहुत कुछ
चुपके से
सब कुछ कह देती है।
इसका अहसास
आज मुझे हुआ
जब ऑटो चालक
राज कुमार के संग
कर रहा था मैं यात्रा ,
साथ में मेरे साहिल बैठा था
जो मेरा विद्यार्थी था
और जिसे मैंने
बल्लोवाल सौंखड़ी में
आयोजित क्षेत्रीय कृषि मेले को
देखने के लिए अपने साथ ले लिया था
ताकि वह कृषि से संबंधित उत्पादों को जान ले,
और आगे चलकर कृषि को
अपनी रोजी रोटी का जरिया बना ले।

पास ही राजकुमार की
परिचिता दुकान में बैठी हुई थी
वह मुस्कुराईं ,
ऑटो चालक राजकुमार ने भी
मुस्कान के साथ
हल्के से सिर
दिया था हिला।
दोनों में से बोला कोई भी नहीं,
पर कुशल क्षेम का
हो गया था आदान-प्रदान।
ऑटो चालक रुका नहीं,
परिचिता भी उठी नहीं,
परंतु
उनकी मुस्कान ने
दिल का हाल चाल
बख़ूबी दिया था बता।
दोनों ने अपनी गहरी मुस्कान से
जीवन का सौंदर्य बोध
सहज ही दिया था जता।
मैं इस मूक मुस्कान के
आदान प्रदान से
मन ही मन हो गया था प्रसन्न।
मैने सहजता से
मुस्कान का जादू जान लिया था।

आप भी हर हाल में मुस्कुराया कीजिए!
अपने भीतर और आसपास की जीवंतता का
अहसास मौन रहकर किया कीजिए।
इस दुनिया में बहुत से लोग हैं परेशान,
पर यदि आदमी हर पल मुस्कराए
तो स्वत: ही देखा देखी
बहुत से लोग मुस्कुराना जाएं सीख!
और उनकी चेतना जीवन का सौंदर्य
अर्थात मुस्कान को आत्मसात कर पाए ,
और जीवन में आदमी
कठिनाइयों का सामना
ख़ुशी ख़ुशी सहजता से
मुस्कान सहित करता देखा जाए।

०७/०३/२०२५.
Adversity must become
our advantage in the life.
There is no need to say anything about the difficulties , ultimately winner knows the reward of struggles.
A winner thinks  and act according to experiences of previous life.
There is no need to cry over the toughness of life, because life of an individual prepares itself  for forthcoming challenges of life with a deep smile!
०६/०३/२०२५.
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