Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Iti Dubey May 2020
प्यार के दो पहलू हैं।
नजरिया अपना अपना है,नजरिया अपना अपना है।
किसी ने प्यार को कमजोरी, तो किसी ने ताकत कहा है।।
किसी ने कहा प्यार बंधन है, जिससे आप आगे नहीं जा सकते ।
तो किसी की नज़रो में प्यार वो बंधन है, जिससे आप कभी दूर जाना ही नहीं चाहते ।।
प्यार तो प्यार है,वो चाहे माँ और पापा का हो,पति पत्नी या गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड का हो ।
कोई भी प्यार आपको कमजोर नहीं करता, बल्कि आपकी हर मुश्किल में आपका साथ देता है ।।
प्यार का मतलब ये नहीं की उसे आपकी तारीफे चाहिए, आपके लाये हुए महंगे गिफ्ट चाहिए ।
सच्चा प्यार तो बस आपको, और आपके समय में हिस्सा मांगता है गिफ्ट तो वो खुद भी ले सकते है ।।
प्यार कभी मतलबी नहीं होता की जब उसको आपकी जरूरत हो तब आप हो और जब आपको उसकी जरूरत हो तो वो नहीं हो ।
प्यार का मतलब ही सुख दुःख काम काज सभी में भागीदारी है, खुसी और दुःख दोनों में साथ देना होता है ।।
प्यार कभी तुम्हारी हेल्प नहीं मांगता, प्यार सिर्फ विश्वास और तुम्हारा साथ मांगता है।
प्यार सिर्फ I Love YOU कहने से नहीं होता, प्यार में तो I Love YOU की जगह ही नहीं है, क्यू की प्यार I से नहीं WE से होता है ।। प्यार कोई दवाब नहीं है जो मजबूरी में हो ये तो I से WE बनने का सफर है ।।

।।।।।।मेरी कलम से ।।।।।।।।
pyar ka alag nazariya meri kalam se
Iti Dubey May 2020
।।।।  अच्छा  सुनो  ।।।।
            मुझे  चाय  बनानी  आती  है , तुम्हे  पीनी  है क्या ।।
            मैं थोड़ा पानी बन जायुगी , तुम्हे दूध बनना आता है क्या ।।
            थोड़ी चायपत्ती तुम बन जाना , मुझे  मिठास भरना आता है ना  ।।
            अदरक और इलाइची तुम चाहोगे तो मैं डालूँगी ।  
            अदरक और इलाइची तुम चाहोगे तो ही मैं डालूँगी ।।
           आखिर रिश्तो के सामंजस्य से ही तो सब है ना ।
            कभी तुम मेरी सुनोगे , और हमेशा मैं तुम्हारी मानूगी ।।
            यही तो जीवन है ना , तो मेरे साथ चाय बनाओगे क्या ।
मुझे मिठास भरना आता है , तुम रिश्तो के गहरे रंग से चाय में भी रंग भरोगे ना ।
            अच्छा  सुनो ,मुझे  चाय  बनानी  आती  है , तुम्हे  पीनी  है क्या।।

      ।।।।।। मेरी कलम से ।।।।।।
BEST PROPOSAL FOR MAKING ANYONE TO YOUR SOULMATE
Iti Dubey May 2020
हां होगी तू गुस्सा मुझसे , और किया हो ब्लॉक भी शायद मुझे
हां  बस पूछना इतना सा था की तुझे मेरी गलती खुद लगी थी
या वो भी किसी ने अहसास कराई है,हां बस इतना पूछना है
कि क्या खुद अहसास होने लगा मेरी गलतियों का तुम्हे
या वो भी किसी के दवाब में करना सीख गयी , तुम्हे पता है।
दूसरो की सुनते सुनते तुमने खुद की सुनना कब छोड़ दिया
शायद ये भी याद ना हो तुम्हे  मुझे याद है सब
वो तेरा मेरी बातो  को पूरी  ध्यान से सुनना और बैसे ही सब बातो को भूल जाना
क्यू लगने लगी मेरी बाते खराब तुझे क्यू होने लगी तू खफा हर बात पे।
आखिर गलती तो बता ही देती बड़ी बहन जो ठहरी , ज्यादा खफा है लगता बहन मुझसे
मैं भी देख के हैरान हु की सच में कर रखा ब्लॉक उसने मुझे  
है मेरी बहन खफा जो मुझसे , है मेरी बहन खफा जो मुझसे


               ।।।।।।।  मेरी  कलम  से ।।।।।।।
Iti Dubey May 2020
अब थक चुकी हु मैं
हा सुन लो थक चुकी हु मैं
नहीं हु कोई लक्ष्मी बाई ना ही कोई जोधा बाई
इंसान हु यर बस बहुत हुआ अब नहीं होता
हर वक्त सबके मुँह देख के रहना की कोई मेरी बजह से परेशान ना हो
अब नहीं होता ये सब आखिर मैं भी तो इंसान हु कोई भगवान नहीं
हर वक्त ये सोच के चुप रह जाना की छोटी हु मेरी गलती होगी
अब नहीं होता यार हर बात में हर वक्त में एक ही इंसान गलत कैसे हो सकता है
हर बात में खुद की गलती मान मान के अब हर बात में खुद को भी खुद की ही गलती दिखने लगी है
मैं खो रही हु कहीं मैं ऐसी नहीं हु मैं ऐसे चुप रहने वालो में से नहीं हु
खो रही हु कही कोई ढूढ़ने वाले की तलाश में
हा ये सच है की खो चुकी हु मैं खुद की ही तलाश में
अब थक चुकी हु मैं खुद की ही तलाश में
जाना चाहती हु ऐसी जगह जहां मैं खुद को भी ना ढूंढ पायू
खोना चाहती हु मैं जहां खुद भी ना ढूंढ पायु

        ।।।।।।मेरी कलम से ।।।।।।
Iti Dubey May 2020
मेरी और मेरी हसीं की आपस में कभी बनी नहीं
मेरी और मेरी हसीं की आपस में कभी बनी नहीं
जब जब मैं कभी बहुत हसीं हु तब तब रोई भी जबरदस्त हु
सब कहते काले लोगो को नज़र नहीं लगती
लेकिन मेरी हसीं को कई बार नज़र लगी है और वो खफा भी हुई है मुझसे
अब तो आलम कुछ यू है की किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता
जैसे मुझे खुद मेरी हसीं से मतलब ना रहा अब
क्यू कि मुझे खुद को अब लगने लगा है मेरी सारी प्रॉब्लम्स यही जो लाती है
हा तो यह सच है मेरी और मेरी हसीं कि अब बन नहीं रही
या कह दो कि मेरी और मेरी हसीं की आपस में कभी बनी ही नहीं ।


           ।।।।।  मेरी कलम से ।।।।।
Iti Dubey May 2020
ख़्वाब जो है मेरे , वो तुम और तुम्हारी सोच से परे हैं ।
मेरे ख़्वाब और मैं , हम दोनों ही तुम्हारी सोच से परे हैं ।।
अक्सर कहते हो सोचो कम , करो ज्यादा और मज़ाक  जो बनाते हो ।
उन्ही मज़ाको की बजह से ही आज मेरी सोच यूँ इतनी ऊंची है । ।
सुना ही होगा बचपन में , जिस चीज़ के लिए मना किया जाये बच्चा वहीं करता है ।
खैर खुदा की महर कुछ यूँ है , की नसीबो से मिलने वाला संसार मुझे यूँ ही दिया है ।।
मेरा संसार मेरी दुनिया मेरा घर मेरे माता पिता , जिन्होंने आज तक तभी कुछ भी करने से  ना रोका ।
और तुम होते कौन हो मेरे और मेरे ख़्वाबो के बारे में टीपड़ी करने वाले ।।
मेरे ख़्वाब थोड़े ऊचे है जो मुझे पूरी मेहनत से करने पूरे हैं ।
मेरे पापा का गुरुर हु मैं , मेरी माँ की शान हुँ उन दोनों के ख़्वाबो को पूरा करने में बलिदान हु मैं ।।
क्यों की उनके ख़्वाबो  को पूरा करना ही मेरा  ख़्वाब है ।।।।।

।।।।।।मेरी कलम से ।।।।।।
dedication toward my dreams
Iti Dubey May 2020
सुनो तो अरे सुनो तो सही।
याद आती है तुम्हारी, बहुत याद आती है।।
कभी आओगे या नहीं ये तो नहीं पता, लेकिन ।
कभी ज्यादा तो कभी कम ही सही, याद जरूर आती है तेरी ।।
इन कविता के बहाने मन को मना लेती हु।
कि शायद तू आएगा , की शायद तू आएगा शायद थोड़ी देर ही सही।।
अच्छा सुनो आना तो जल्दी आना, हाँ अगर आना तो जल्दी आना।
ज्यादा देर हुई तो फिर शायद मैं तेरी रहूं या ना रहु फिर इसकी भी मुझे खबर नही।।
Iti Dubey May 2020
हा मैं  काली तू  गोरा  ही  ठीक
हा हा मैं काली  तू  गोरा  ही  ठीक ……
     गलती  तो  उस  ऊपर  वाले  की  है  
                    जो  उसने  दो  रंग  बनाये  , मेरा  काला  ही  ठीक ………
   अक्सर  सुना  है  मैंने  तू  काली  मैं  गोरी
                  हां  तो  मान  लिया  मै  काली  , हा   तो   मई  काली  ही  ठीक ……।
                 सब  कहते  हैं  चुप  रहा   कर  सह  ले  सब  कुछ  …।।                 पर  जब  काली  हू  तो  जवां  गोरी  रख  के  क्या  करना  सब  ठीक…।।
­हा  मैं  काली  हूँ  तो  काली  ठीक  
खुश हुँ  अपनी  ज़िन्दगी  में , काली  हुँ  काली  रहने  दो ……।।
आखिर  कब  तक  सुनती  सबकी  बातें  बोल  ही  दिया  एक  दिन
मैं  जब  ठीक  तो  दिक्कत  क्या  है  तुझको  मैं  काली  ही  ठीक …।
जो  आते  जाते  मतलबी  रिश्तेदार  जो  आकर  गोर  होने  के  नुख्स­े  दिया  करते  हैं
किसने  माँगा  किसको  दिक्कत  हैं  ये  भी  जान  लिया  करते  काश ,
        कभी  कभी  लोग  कहते  नाक  नक्श  बहुत  प्यारा  है
      क्या  इससे  भी  कोई  टॉन्ट  देने  का  इरादा  है  …।।
     लोगो  क­ो  दिक्कत  है  मेरी  बातो  से  , बहुत  काला  बोलती  हुँ ।।
     शायद  भूल  जाते  हैं  वो  लोग  गोरी  जो  नहीं  मैं …
                हुआ  आज  का  एक  वाक्य  पे  लिखा  जो  कुछ  मैंने  आज
                       जब  खुद  पे
                    लेके  पढोगे  तो  लगेगा  खुद  के  लिए  भी  कु­छ  ख़ास  …।।
                     हा  मै  काली  तू  गोरा  ही  ठीक …।
                             हा  हा  मान  लिया  मैं  काली  तू  गोरा  ही ठीक …
  

 ।।।।।।मेरी  कलम  से ।।।।।।
be who you are

— The End —