योगेश्वर कृष्ण का सुदर्शन चक्र युद्धभूमि में काल चक्र बन कर सब को नियंत्रित करता रहा है। आप कहेंगे कि महाभारत के युद्ध में उन्होंने हथियार उठाया नहीं। क्या यह सही नहीं ? बेशक उन्होंने हथियार उठाया नहीं। मन के भीतर जोड़ घटाव गुणा तकसीम कर उन्होंने काल चक्र को अपने ढंग से नियंत्रित किया था। सारथी बने योगेश्वर ने अर्जुन को रथ से उतार अभय दान दिया था , जब रथ भस्म हुआ था। काल चक्र को हर युग में परम चेतना ने मानव रूप में जीया है , तभी जीवन ने नित्य नूतन आयाम छुए हैं। सब हरि लीला से चमत्कृत हुए हैं। ११/०५/२०२५.