अचानक युद्ध विराम की घोषणा ने सच कहूँ ... कर दिया है स्तब्ध अभी राष्ट्र के प्रारब्ध का शुभारंभ हुआ है और शत्रु पक्ष ने कर दिया शीघ्र आत्म समर्पण। सोमवार को बुध पूर्णिमा के दिन दोनों पक्षों में होगी संवाद की शुरुआत होगी सहज और मित्रता पूर्ण वातावरण में वार्तालाप! उम्मीद है दोनों देश बुद्ध के मार्ग का अनुसरण करेंगे! यदि शत्रु पक्ष ने कुटिल चाल खेली और आतंकवाद को दिया बढ़ावा तो देश मां रण चंडी का आह्वान कर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का धैर्य धारण कर संपूर्ण अवतार श्री कृष्ण की कूटनीति को आत्मसात कर महादेव की तरह विषपान कर शत्रु के संहार को होगा तत्पर और समस्त देशवासी करेंगे भविष्य के संघर्षों की खातिर स्वयं को तैयार। अब फिलहाल युद्ध विराम शुभ आकांक्षा का सबब बने। इस बाबत सभी पक्ष सकारात्मक सोच अपनाएं , ताकि सब अपनी आकांक्षाओं पर लगाम लगाकर अपने अपने राष्ट्र के कल्याणार्थ सुख समृद्धि और सम्पन्नता भरपूर संभावना के द्वार समय रहते खोल पाएं। १०/०५/२०२५.