Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
May 8
पाप को अंग्रेज़ी में कहते हैं सिन,
मरणोपरांत व्यक्ति बहुधा नरक को जाता है।
कलयुग के व्यक्ति
दिन रात बेख़ौफ़ होकर
पाप करते हैं ,
इससे ही मिलता है उन्हें सुख।
दुःख पहुंचाने में उन्हें मज़ा आता है ,
जब पाप कर्म हाथ धोकर पीछे पड़ जाता है
तब उनका जीवन मज़ाक सरीखा बन जाता है।
ऐसे में शीघ्रातिशीघ्र
उन्हें पाप का द्वार
दूर से आता है नज़र।
जिस में प्रवेश करने से पूर्व
तन मन में अवसाद भर जाता है ,
जीवन का स्वाद फीका पड़ जाता है।
नरक का द्वार
आदमी के पास ही स्थित होता है ,
यह वो तिलिस्म है
जो जीवित को नहीं दिख पड़ता है ,
केवल मृत ही इसे
ढंग से महसूस कर पाता है।

देश में ऑपरेशन सिंदूर जारी है।
जो आतंकियों को बनाने वाला भिखारी है।
देखना आतंकी अब प्राणों की भीख मांगते दिखेंगे।
सिन और डोर को जोड़ने से बनता है शब्द सिंदूर ,
जो सुहागिन महिलाओं की माँग में पहुँच कर
अखंड सौभाग्य का प्रतीक बन जाता है।
कायर आतंकी इसे पोंछने पर उतारू हो जाते हैं ,
उन्हें बस अपनी वासना नजर आती है ,
सुहागिन की साधना उन अंधों को दिख नहीं है पड़ती।
वासना तीखी मिर्च बन कर उन्हें अक्ल का अंधा है कर देती।
पहलगाम के दूरगामी नतीजे अब दिखने लगे हैं।
पड़ोसी देश के आतंकी शिविरों पर
अब बॉम्ब, गोले, मिसाइल, रॉकेट दागे जा रहे हैं।
इस की मार के तले आकर आतंक के मसीहा अब कराहने लगे हैं।
यह युद्ध पाप के खिलाफ़ है।
इसके लिए पुण्य ने ओढ़ा नकाब है।
क्या करे सवाब , पापी ,देवता से बेख़ौफ़ रहता है ,
वह अच्छे और सच्चे को चुटकियों में मसलना चाहता है ,
अतः पुण्यात्मा को पापी के मन में डर पैदा करने के लिए
न केवल नकाब
बल्कि भीतर तक रौद्र रूप धारण करना पड़ता है ,
साक्षात काली सम बनना पड़ता है।
भारत माता के काली बनने ‌की अब बारी है।
आतंक के खात्मे के लिए  ऑपरेशन सिंदूर ज़ारी है !
अब देश दुनिया और समाज में परिवर्तन की तैयारी है !!
०८/०५/२०२५.
Written by
Joginder Singh
41
 
Please log in to view and add comments on poems