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May 2
जीवन
एक यात्रा है।
इसे ईमानदार रह कर
जारी रखा जाना चाहिए।
इस दौरान
लोभ लालच और बेईमानी से
हरपल बचा जाए
तो ही अच्छा।
जीवन यात्रा के दौरान
आदमी बनाए रखें
आत्म सम्मान।
वह करें जीवन की बाबत
चिंतन मनन
और जीवन के आदर्शों का अनुकरण करे
ताकि जीवन यात्रा का समापन
सुखद अहसास के साथ हो !
जीवन की परिणति
सार्थक और सकारात्मक सोच के साथ हो !!
आदमी
फिर से
एक नई यात्रा की तैयारी कर सके।
वह जन्म दर जन्म
आध्यात्मिक उन्नति करता रहे।
०२/०५/२५.
Written by
Joginder Singh
55
 
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