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Apr 30
मुझे सच में
पता नहीं था कि
जिगरी यार
कर जाएगा
यार मार।
वह बरगला ले जाएगा
मेरा प्यार।
सच !
अब मुझे
यारी दोस्ती पर
एतबार नहीं रहा।
आजतक
अर्से तक
अंदर ही अंदर
एक अनाम दर्द सहता रहा ,
जब रहा नहीं गया
तो थक हार कर
अपना दुखड़ा कहा।
यार मार
किसी भी मामले में
जज़्बात की हत्या से कम नहीं,
यार मार करने में कोई किसी से कम नहीं।
आज यह बन चुकी रवायत है,
मुझे इस बाबत ही आप सभी से करनी शिकायत है।
दोस्त!
यार मार से बच ,
कभी तो अपना किरदार गढ़
और जीवन धारा में
सार्थक दिशा में बढ़ ,
भूल कर भी
किसी से अपेक्षा न रख ,
न ही अपने भीतर के इन्सान से लड़।
सच से रूबरू होने की खातिर
दिल से प्रयास कर।
ताकि फिर से यार मार करने से बच सके!
जीवन में प्यार के मायने को समझ सके!!
३०/०४/२०२५.
Written by
Joginder Singh
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