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Apr 30
जब दूर सी थी तू कहीं,
तो सवाल कई सारे थे,
कुछ मेरे, कुछ तेरे, तो कुछ हमारे बारे थे।
आज वही सवाल किए जाते, तो क्या होता?


» खैर,
एक बात तो है तुझमें,
कि "तुझसे ही हर बात थी"
लेकिन, वो बात हुई ही न होती, तो क्या होता?

तू उस 'आसमान' की, वो 'चाँद' थी मेरी,
जिसकी चमक, दिल को रोशन कर दिया करती थी।
आसमान तो है ही, पर चाँद वही होता, तो क्या होता?


» माना,
भोला, मासूम और हाँ... मैं नासमझ,
पर यही बात तुम समझाए होते, तो क्या होता?

वो हँसती हुई शामें, वो बातें पुरानी,
जो दिल के किसी कोने में, अब भी बसी हैं।
अगर वक़्त वहीं थम गया होता, तो क्या होता?

ये जो ग़म के बादल छाए हैं,
बरस रही हैं बूँद.... (अश्कों की)
ये बरसात हुई ही न होती, तो क्या होता?
SURYAMVIVEK
Written by
SURYAMVIVEK  17/M/Ghaghra,Gumla JH INDIA
(17/M/Ghaghra,Gumla JH INDIA)   
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   Purbita
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