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SURYAMVIVEK
Poems
5d
वो मुस्कान :):
जो मुस्कान है लबों पे तेरे,
वो राज के पन्नों को खोले मेरे।
पर मुस्कान वो, जो कह जाए,
फिर भी कुछ भी ना सुनाए।
वो मुस्कान, जो शाम सी लगे,
दिल के दुखों को आराम सी लगे।
जो आई थी एक ख्वाब के हाथ,
और छोड़ गई एक याद के साथ।
वो मुस्कान, जो एक ज़ख्म भी हो,
और उसी ज़ख्म का मरहम भी हो।
वो मरहम है, जो दर्द मिटा दे,
या एक और घाव, जो दिल को रुला दे?
वो मुस्कान अब धूल हो गई,
भुला हमने, हाँ भूल हो गई।
उस मुस्कान की फरियाद,
हमेशा रहेगी याद...!
Written by
SURYAMVIVEK
17/M/Ghaghra,Gumla JH INDIA
(17/M/Ghaghra,Gumla JH INDIA)
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