पहलगाम के नृशंस हत्याकांड के बाद आज के रविवार पी. एम. सर अपनी मन की बात को सुरक्षा के संदर्भ में आगे बढ़ाएंगे। देखें , उन द्वारा व्यक्त विचार घायल राष्ट्र को कितना मरहम लगाते हैं। वे देश भक्ति के जज्बात को किस तरह भविष्य की रणनीति से जोड़ेंगे। वे राष्ट्र की अस्मिता को किस दृष्टिकोण से देश के नागरिकों के सम्मुख रखेंगे। देश अब भी किसी पड़ोसी देश का अहित नहीं करना चाहता। वह तो अपनी सरहदों को सुरक्षित देखना चाहता। वह देश दुनिया में अमन चैन का परचम लहराते देखना चाहता । हाँ, देश यह जरूर चाहेगा कि राष्ट्र के आंतरिक शत्रुओं पर लगाम कसी जाए ताकि देश भर में आंतरिक एकता को दृढ़ किया जा सके, सुख , समृद्धि और संपन्नता भरपूर राष्ट्र को बनाया जा सके। उसका हरेक नागरिक उसकी आन बान शान को बढ़ा सके। मन की बात में निहित अंतर्ध्वनि को सब सुनें , यहां तक कि पड़ोसी देशों के नागरिक भी , ताकि सभी देशों के नागरिक हालात के अनुरूप खुद को ढाल सकें। वे अपने अपने राष्ट्र की ढाल बनने में सक्षम हो सकें। देश में अमन शांति कायम रहें । बेशक सब अपने अपने स्तर पर सजग और चौकन्ने बने रहें। २७/०४/२०२५.