आओ मिल बैठ कर अपने समस्त मनभेद और मतभेद दूर कर लें। जीवन में खुशियों को भर लें। वरना जड़ता हमें लड़ाई की ओर लेकर जाती रहेगी। हमें मतवातर कमज़ोर बनाती रहेगी। फिर कैसे होगा सुधार ? आओ सर्वप्रथम हम जड़ता पर करें प्रहार ताकि हम जागृत हो सकें , एक रहकर जीना सीख सकें। हम जागरूक बनें , जड़ता और निष्क्रियता से लड़ें। सब समय रहते अवरोध दूर करें। सब निज की जड़ता से डरें और समय रहते उसका नाश करें। सब अपने भीतर सतत सुधार कर जड़ता पर प्रहार करें ! स्वयं को चेतना युक्त करें !! २२/०४/२०२५.