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Jun 5
याद आई अभी अभी तेरी,
क्या कुछ ग़लत तो नहीं किया?
याद आई तभी तभी तेरी जब कभी सोचा,
तू नही होगी तो याद कैसी होगी,
जैसा अभी हाल है, या फिर तेरा ज़ीक्र होते ही रो दूंगा.
अब दूर है तो तेरी दवाईयों का डब्बा खाली है,
दिल में मेरे तेरी गालियों का हिस्सा खाली है,
तेरे सिरहाने से अभी भी नारंगी गोलीयों की खुशबू आती है,
अब दूर हूं तो तेरी याद आती है.
तूझे सताया है बहुत, तूझे रुलाया है बहुत,
आऊंगा घर तो गले लगाऊंगा तूझे,
मगर कह नहीं पाऊंगा तेरी याद आती है.
याद आई अभी अभी तेरी,
क्या कुछ ग़लत तो नहीं किया?
बूढ़ी को सताया है बहुत, अब कभी कभी सोचता हूं तो याद आती है।
yogesharma
Written by
yogesharma  19/M/HP
(19/M/HP)   
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   rishita
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