अभी अभी पढ़ा है कि देश दुनिया में फेक न्यूज़ मेकर्स की भरमार है। जो अराजकता को बढ़ावा देते हैं और कर देते हैं जन साधारण को भ्रामक जानकारी से बीमार, बात बात पर भड़कने वाले ! लड़ने झगड़ने पर उतारू!
ऐसी फेक न्यूज़ से बनते हैं फेक व्यूज़ ! त्रासदी है कि ग़लत धारणा बेशक बाज़ार में अधिक समय तक नहीं टिकती , यह चेतना की खिड़की को कर देती हैं बंद! आदमी अपने को मानता रहता है चुस्त चालाक व अक्लमंद। वह इसके सच से कभी रूबरू नहीं हो पाता, वह झूठ को ही है सच समझता रहता। ऐसे लोगों से कैसे बचा जाए ? सोचिए समझिए ज़रा फेक न्यूज को कैसे नकारा जाए ? ताकि अपने को सच से जोड़े रखा जा सके। किसी भी किस्म की भ्रम दुविधा से बचा जा सके। १२/०४/२०२५.