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Apr 7
बहुत बार उज्ज्वल भविष्य के
बारे में सोचने और बताने से पहले ही
चाय के प्याले में
तूफ़ान आ गया है ,
सारे पूर्वानुमान
संभावनाओं के नव चयनित जादूगर के
कयास लगभग असफल रहने से
बाज़ार नीचे की तरफ़
बैठ गया है ,
निवेशक को
अचानक धक्का लगा है ,
वह सहम गया है !
कहाँ तो अच्छे दिन आने वाले थे !!
लोग स्वप्न नगरी की ओर उड़ान भरने को तैयार थे !!
अब लोग धरना प्रदर्शन पर उतारू हैं।
क्या आर्थिकता को बीमार करने वाले दिन सब पर भारू हैं ?
इससे पहले कि
कुछ बुरा घटे ,
हम अराजकता की
तरफ़ बढ़ने से
स्वयं को रोक लें ,
ताकि सब
सुख समृद्धि और संपन्नता से
खुद को जोड़ सकें।
०७/०४/२०२५.
Written by
Joginder Singh
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     Vanita vats and Sarayu
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