इतिहास से खिलवाड़ करते हुए आजकल हमें कुछ चतुर सुजान लोगों और बिकाऊ इतिहासकारों के लिखे इतिहास को पढ़ने को किया गया है बाध्य। ख़ूब ख़ूब उल्लू बनाया गया हमें , इसे हम जड़ से समझें , ताकि हम अपनी अस्मिता को पहचान सकें , भुला दी गई गौरव गाथा का स्मरण कर सकें , इसे अपनी स्मृतियों में जीवंत बनाए रख सकें और हम सब अपने आप को गंतव्य तक पहुंचा सकें। ऐसा षडयंत्र जिन्होंने किया , उनको लताड़ लगा सकें। नव्य इतिहास लेखन और खोजों के आधार पर उपनिवेशवादी मानसिकता के राजनीतिज्ञों और इतिहासकारों को सकें समय रहते लताड़ ताकि वे और ज़्यादा न कर सकें जनभावनाओं और आकांक्षाओं के साथ खिलवाड़। हम सब सच का दें साथ । हम इतिहास से छेड़छाड़ होने देकर , न करें ,भूले से , सभी कभी भी राष्ट्र हितों पर कुठाराघात। हम ऐसे दोगली मानसिकता पर करें सतत् प्रहार। २३/०३/२०२५.