पत्नी यदि अच्छी है तो जोरू का गुलाम बनने और कहलाने में काहे का हर्ज़ है, यह तो डरपोक और कुटिल इंसानों के भीतर पैदा हुआ मर्ज़ है, इस रोग से जितना जल्दी बचा जाए, उतना अच्छा है! पत्नी सेवा करना हर बहादुर पति का फ़र्ज़ है। यह समझ सुलझे इंसानों के धुर भीतर दर्ज़ है। सचमुच जोरू का गुलाम शांति प्रिय होता है, बेशक वह दोस्तों की आँखों में हरदम खटकता है। वह आसानी से कहाँ भटकता है ? उसका मन पत्नी सेवा में ही जो अटकता है। ख़ुशी ख़ुशी जोरू का गुलाम बनिए , जीवन में खुशियों को वरिए। 22/03/2025.