जीवन में अनुभव मित्र सरीखा होता है , बगैर अनुभव के जीवन फीका फीका सा लगता है , इसमें प्रखरता और तीखापन लाने के लिए अनुभव का होना बहुत जरूरी है। अनुभव एक दिन में नहीं आता, इसके लिए जीवन की भट्ठी में खुद को है तपाना पड़ता है, तब कहीं जाकर जीवन कुंदन बनता है, वह सुख,समृद्धि और संपन्नता का आधार बनता है। अनुभव युक्त होने से संसार का कारज व्यवहार आगे बढ़ता है। इस को अनुभूत करने के निमित्त होना चाहिए शांत चित्त। अतः मनुष्य अपनी दिनचर्या में कठोर मेहनत को शामिल करे, ताकि जीवन में आदमी निरंतर आगे बढ़ता रहे। आदमी अनुभव के बूते सदैव चेतना युक्त प्रगतिशील बना रहे, वह संतुलित दृष्टिकोण अपने जीवन में विकसित कर सके , अपने व्यक्तित्व में निखार लाता रहे और सब्र ,संतोष ,संतुष्टि को प्राप्त कर सके। 22/03/2025.