किसी को किसी के ख़्वाब बेचना आजकल चोरी चकारी कतई नहीं है, यह अब एक कला है! जिससे वह तथाकथित जीनियस पला है !! बुरा मत मानना न ही बुरे को भूले से मनाना यहाँ मना है , यहाँ हर कोई निर्दोष के खून से सना है। अब सब यहाँ व्यापारी हैं, जिनके जेहन में चोरी सीनाजोरी ही नहीं बसी है, वरन रग रग में मक्कारी है। इस दुनिया के बाज़ार में शराफ़त पग पग पर हारी है ! चोर चोर मौसेरे भाइयों से लगा रखी मुनाफाखोरों ने यारी है !! मन में कहीं गहरे बसी अय्यारी है !! उनका वश चले तो आका को बेच खाएं ! यही नहीं बस ! वे गरीब के घर में भी सेंध लगाएं ! वे हर पल सुविधा ही नहीं ,दुविधा तक को बेचना चाहते हैं ! वे पक्के व्यापारी हैं, हर नायाब और वाहियात चीज़ को बेचने का हुनर रखते हैं ! वे बेचना चाहते हैं सब कुछ ! क्या श्रेष्ठ और क्या तुच्छ ! वे मोटी खाल वाले व्यापारी हैं ! और हम सब उनके मुनाफे की वज़ह ! जिन्हें वे भिखारी और आसान शिकार समझ करना चाहते जिब्ह बेवजह !! बेचना पड़ेगा सभी को अपना सुख चैन, एक दिन उनके हाथों ! बचा ले अपना ईमान समय रहते ,भाई साधो ! बना न रह देर तक , कभी भी , मिट्टी का माधो ! वे चाहते हैं तुम्हे बेचना ,पर तुम सस्ते में खुद को न कभी बेचना। बचा कर रख अपने पास ,अपना अनमोल धन चेतना। अगर यह भी बिक गई तो बचेगी अपने पास महज वेदना। अपनी संवेदना को आज सहेज कर रखना बेहद ज़रूरी है। २१/०३/२०२५.