Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Mar 18
अपनी ही मौज में आकर
यदि कोई
अपनी संभावना की खोज में
अग्रसर होना चाहता है
तो इससे अच्छी क्या बात होगी।
वह क्षण कितना महत्वपूर्ण होगा
जब आदमी की खुद से मुलाकात होगी।
आदमी अपनी संभावना का पता लगाएगा ,
वह अपने भीतर निहित
ऊर्जा का रूपांतरण कर पाएगा,
जीवन में
नव संचार कर जाएगा ,
वह अपने जीवन को सार्थक कर पाएगा।
हरेक स्थिति में आदमी जूझता रहे ,
जीवन के उतार चढ़ावों के बावजूद
वह सतत् आगे ही आगे बढ़ता रहे ,
देखना , वह अपनी संभावना को खोज पाएगा।
वह अपनी प्रसन्नता और संतोष के
मूल स्रोतों को ढूंढ ही लेगा।
वह अपनी अस्मिता को जान ही लेगा।
तदनंतर वह अपना कायाकल्प स्वत: कर लेगा।
जीवन संभावना की खोज से बंधा है।
यदि यह बंधन न रहे तो आदमजात भटक जाए !
वह जीवन की विषम परिस्थितियों में विचलित हो जाए !
उसकी घर वापसी की संभावना  संभवतः धूमिल हो जाए !
इसलिए यह जरूरी है कि आदमी शिद्दत से
जीवन में सफलता हासिल करने के प्रयास करे !
वह अपने जीवन की दिशा को निर्धारित करने की खातिर उद्यम करे !!
१८/०३/२०२५.
Written by
Joginder Singh
  103
 
Please log in to view and add comments on poems