हरेक को समझनी होगी अपनी जिम्मेदारी। हर पल करनी नहीं होगी चालाकी और होशियारी। यदि चाहते हैं सब, जीवन पथ पर आगे बढ़ना, संघर्ष करना। जीवन कभी नहीं रहा सरल, बेशक इसमें बहुत कुछ दिख पड़ता है जटिल। जिम्मेदारी का निर्वाह जीवन के प्रवाह को गतिमान रखता है। यह जीवन धारा को आगे बढ़ाने का कार्य करता है। जिम्मेदार बनो। इससे न टलो। जवाबदेह बनो। कर्मठ बनकर सम्पन्नता को अपने जीवन में ले आओ। दरिद्रता से छुटकारा पाने की करो कोशिश ! ताकि जीवन में बनी रहे गरिमा और कशिश !! १६/०३/२०२५.