जिन्दगी से मिठास यकायक चली जाए तो यह किसे भाए ? यह फीकी चाय जैसी हो जाए। कीजिए आप सब अपने सम्मिलित प्रयासों से जीवन में मधुरता लाने का उपाय। जिन्दगी से मिठास कभी भी यकायक नहीं जाया करती , यह जाने से पहले दिनचर्या से जुड़े छोटे छोटे इशारे अवश्य है किया करती। यह भी सच है कि जिन्दगी अपनी रफ़्तार और अंदाज़ से है सदैव आगे बढ़ा करती। आप से अनुरोध है कि जीवन में न किया कीजिए सकारात्मक सोच का विरोध बात बात पर ताकि सहिष्णुता बची रहे , जिन्दगी में उमंग तरंग बची रहे। जीवन की मिठास आसपास बनी रहे। जीवन यात्रा में सुख समृद्धि की आस बनी रहे। १३/०३/२०२५.