वो चांद ही क्या , जिसमें दाग ना हो | वो दिल ही क्या , जिसमें आग ना हो | वो नींद ही क्या , जिसमें किसी का सपना ना हो | वो धड़कन ही क्या , जिसमें गूंजता किसी का नाम ना हो | वो नज़र ही क्या , जिसमें किसी की तलाश ना हो | वो मुस्कुराहट ही क्या , जिसमें छुपा दिल का कोई दर्द ना हो |