जिन्दगी में संवाद के अभाव में अक्सर हो जाया करता है मन मुटाव , अतः परस्पर संवाद रचाया जाए । एक दूसरे तक अपनी चाहतों को शांत रहकर पहुंचाया जाए , ताकि समय रहते सब संभल जाएं । वे सब अपने मनोभाव सहजता से अभिव्यक्त कर पाएं । संवाद स्थापना को विवादों से ऊपर रखा जाए , अनावश्यक असंतोष को बेवजह तूल न दिया जाए , बल्कि जीवन में अपने को बेहतर करने के लिए प्रयास किए जाएं , हो सके तो मतभेद मिटा दिए जाएं। संवाद स्थापना की ओर अपनी समस्त संवेदना और सहृदयता के साथ बढ़ा जाए। इसके लिए अपरिहार्य है कि जीवन को विषमताओं से बचाया जाए , जीवन पथ को कंटकविहीन बनाया जाए। १०/०३/२०२५.