Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
1d
जिन्दगी में
संवाद के अभाव में
अक्सर हो जाया करता है
मन मुटाव ,
अतः परस्पर
संवाद रचाया जाए ।
एक दूसरे तक
अपनी चाहतों को
शांत रहकर
पहुंचाया जाए ,
ताकि समय रहते
सब संभल जाएं ।
वे सब अपने मनोभाव
सहजता से
अभिव्यक्त कर पाएं ।
संवाद स्थापना को
विवादों से ऊपर रखा जाए ,
अनावश्यक असंतोष को
बेवजह तूल न दिया जाए ,
बल्कि जीवन में
अपने को बेहतर करने के लिए
प्रयास किए जाएं ,
हो सके तो मतभेद मिटा दिए जाएं।
संवाद स्थापना की ओर
अपनी समस्त संवेदना
और सहृदयता के साथ बढ़ा जाए।
इसके लिए अपरिहार्य है कि
जीवन को विषमताओं से बचाया जाए ,
जीवन पथ को कंटकविहीन बनाया जाए।
१०/०३/२०२५.
Written by
Joginder Singh
  78
 
Please log in to view and add comments on poems