दोस्त! अगले सप्ताह आज के दिन यानिकि शुक्रवार अर्थात् जुम्मे को बहुप्रतीक्षित रंगों का त्योहार होली है। इस बार हम सब होली खेलेंगे , मगर सलीके से ! पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ! मानसिक शांति को अपने मानस में संभल संभल कर धरते हुए ! ताकि फिर से देश में संभल को दोहराया न जा सके। देश दुनिया के सौहार्द पूर्ण वातावरण को प्रदूषित न किया जा सके।
होली सभी का त्योहार है , अच्छा रहेगा इसे सब मनाएं , पर यदि किसी को रंगे जाना दिल ओ दिमाग से पसंद नहीं , उसे बिल्कुल न रंगा जाना होगा सही। बाहर से भले ही हम रंगों से करें गुरेज़! कोशिश करें हम भीतर से रंगे जाएं ! हरगिज़ हरगिज़ नहीं हम जीवन में किसी को रंगे सियार से नज़र आएं ! हम दिल से होली का त्योहार मनाएं , बेशक हम किसी को जबरन रंग न लगाएं। रंग जीवन के चारों तरफ़ फैले हुए हैं , मन को हम पावन रखें , हम करतार के रंगों से रंगे हुए हैं। स्व निर्मित अनुशासन से बंधे हुए हैं। हमारे क़दम संस्कारों से सधे हुए हैं। जीवन में हम सब जिद्दी न बने। आज देश दुनिया अराजकता के मुहाने पर है। बहुतों की अक्ल ठिकाने पर नहीं है , अतः सब होली की सद्भावना को चुनें , किसी के उकसावे में आकर कतई न लड़ें! परस्पर तालमेल कायम करते हुए सब आगे बढ़ें। ०७/०३/२०२५.