आदमी मुख से कुछ न कहे , तब भी उसकी मुस्कान बहुत कुछ चुपके से सब कुछ कह देती है। इसका अहसास आज मुझे हुआ जब ऑटो चालक राज कुमार के संग कर रहा था मैं यात्रा , साथ में मेरे साहिल बैठा था जो मेरा विद्यार्थी था और जिसे मैंने बल्लोवाल सौंखड़ी में आयोजित क्षेत्रीय कृषि मेले को देखने के लिए अपने साथ ले लिया था ताकि वह कृषि से संबंधित उत्पादों को जान ले, और आगे चलकर कृषि को अपनी रोजी रोटी का जरिया बना ले।
पास ही राजकुमार की परिचिता दुकान में बैठी हुई थी वह मुस्कुराईं , ऑटो चालक राजकुमार ने भी मुस्कान के साथ हल्के से सिर दिया था हिला। दोनों में से बोला कोई भी नहीं, पर कुशल क्षेम का हो गया था आदान-प्रदान। ऑटो चालक रुका नहीं, परिचिता भी उठी नहीं, परंतु उनकी मुस्कान ने दिल का हाल चाल बख़ूबी दिया था बता। दोनों ने अपनी गहरी मुस्कान से जीवन का सौंदर्य बोध सहज ही दिया था जता। मैं इस मूक मुस्कान के आदान प्रदान से मन ही मन हो गया था प्रसन्न। मैने सहजता से मुस्कान का जादू जान लिया था।
आप भी हर हाल में मुस्कुराया कीजिए! अपने भीतर और आसपास की जीवंतता का अहसास मौन रहकर किया कीजिए। इस दुनिया में बहुत से लोग हैं परेशान, पर यदि आदमी हर पल मुस्कराए तो स्वत: ही देखा देखी बहुत से लोग मुस्कुराना जाएं सीख! और उनकी चेतना जीवन का सौंदर्य अर्थात मुस्कान को आत्मसात कर पाए , और जीवन में आदमी कठिनाइयों का सामना ख़ुशी ख़ुशी सहजता से मुस्कान सहित करता देखा जाए।