मेरा पुत्र जो है पूरा देसी पर नाम है जिसका अंग्रेज सिंह। कुछ समय पहले ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जाने की थी जिसकी ख्वाइश! बहुत सारा धन कमाने का था जिसका ख्वाब! घर पर अपने ही ढंग से रहता था । जिस का रहन सहन उसके मां बाप को तनिक नहीं भाता था। आजकल थोड़ा अक्लमंद बन गया है।
जब से अमेरिका से मेरे भारतीय भाई लोग डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट की नीति की वज़ह से भारत वापसी को हुए हैं मजबूर ! जो अच्छे मज़दूर और कामयाब व्यापारी बनने की योग्यता रखते हैं ! उम्मीद है वे अब सही राह चलेंगे , भारत की तरक्की के लिए दिन रात उद्यम करेंगे ! भारत को भारत प्रथम की नीति पर चलने की राह दिखा कर फिर से सुख , समृद्धि और संपन्नता की ओर ले जाने का प्रयास करेंगे।
अंग्रेज सिंह अब भारत में रहकर अपना काम धंधा जमाना चाहता है, वह ज़माने के पीछे न भाग अपना दिमाग लगा जीवन में कुछ करना चाहता है , मेहनत कर के कुछ निखरना चाहता है।
अपने अंग्रेज सिंह के दादा स्वदेश सिंह अब उसे कहते हैं कि अंग्रेज !तुम इतना धन संचित करो कि डोनाल्ड ट्रंप के देश ही नहीं , दुनिया भर के देशों में टूरिस्ट बन सैर सपाटा करो। उनकी आर्थिकता को अपने ढंग से बढ़ाओ। यह नहीं कि विदेश से शर्मिंदा हो कर अपने देश में लौट के आओ। बल्कि अपने साथ एक विदेशी नौकर मेहनत मशक्कत करने के लिए लेकर आओ। भारत का आदर और सम्मान फिर से बढ़ाओ। २०/०२/२०२५.