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Feb 18
तुम दूर हो, फिर भी करीब लगते हो,
हर ख्वाब में तुम ही बसते हो।

मेरे हर अल्फ़ाज़ में तुम्हारा नाम बसता है,
बस अब दिल की धड़कनों में तुम्हारा ही एहसास रहता है।

चाँदनी रातें तेरा ज़िक्र करती हैं,
तुम्हारी खुशबू हवाओं में बिखरती है।

हर सुबह तेरे ख़याल से शुरू होती है,
हर शाम यूँ ही तेरी याद में डूब जाती है।

तेरी यादों का सिलसिला कभी थमता नहीं,
ख़ामोश लम्हों में तेरा ज़िक्र कभी रुकता नहीं।

अब तुम्हारे बिना ये दुनिया अधूरी सी लगती है,
जैसे बारिश बिना बादल झूठी लगती है।
Written by
Lucky bansal  18/F/India
(18/F/India)   
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