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Feb 17
तेरे आने की उम्मीद तो नहीं है पर,
कैसे कह दूं कि तेरा इंतज़ार नहीं है।
तुझे देखना तो बहुत शिद्दत से है,
मगर तू सामने आए तो तुझे देखना भी नहीं है।

तुझे नज़रों से गिराने का शौक़ तो नहीं,
पर तू गिरने के बाद भी कभी मन से उतरा नहीं है।
कैसे मान लूं कि मुझे पता है कि तू झूठ बोल रहा है सभी बातें,
मगर तेरा सच सुनना भी नहीं है।

तेरा वो नूर देखने को तरस तो गए हैं,
पर मेरा वो टूटा हुआ गुरूर याद करना भी नहीं है।
Written by
Lucky bansal  18/F/India
(18/F/India)   
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