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Feb 14
तुम्हारा सब कुछ तो मैं ही थी ना,
फिर क्यों तुम और किसी को अपना मानने लगे हो?
सबसे सुंदर तुम्हारे लिए मैं ही थी ना,
फिर क्यों तुम और किसी की मुस्कान पर पिघलने लगे हो?
पहले तो मेरी ख़ामोशी भी समझ जाते थे,
फिर क्यों तुम और किसी की ख़ुशी की वजह बनने लगे हो?
जब थाम ही लिया था तुमने मेरा हाथ,
फिर क्यों तुम और किसी के इतने क़रीब होने लगे हो?
क्या सच में मेरा इतना प्यार काफ़ी नहीं था,
जो तुम और किसी के होने लगे हो?
Written by
Lucky bansal  18/F/India
(18/F/India)   
50
 
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