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Feb 13
उसकी आँखों में एक नगीना है,
जैसे चाँदनी का हसीं आईना है।
हवा भी थम जाए उसके पहलू में,
साजिशें भी गुनगुना दें गीत बहारों में।
जो पलट कर देखे वो इक दफ़ा,
तो अपने सारे राज़, खुली किताब बना दूँ ज्यों सज़ा।

उसकी हँसी में जादू सा है,
हर दर्द का शायद कोई हल सा है।
मैं बिखर जाऊँ उसकी बाहों में,
या फिर खुद को समेट लूँ उसकी राहों में।

बस एक बार वो ठहर जाए,
मेरी खामोशियों को पढ़ जाए।
मैं कह न सकूँ जो जुबां से कभी,
वो उसकी आँखों में उतर जाए।
Written by
Lucky bansal  18/F/India
(18/F/India)   
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