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Feb 13
हे मन!
तुम कुछ अच्छा नहीं कर सकते
तो क्या हुआ ?
बुरा तो कर सकते हो ?
बस !
एक काम करना।
वह है !
हरेक बुरे काम के बाद
विष्णु का नाम लेना !
यहां तक कि
अपने परिवारजनों के नाम भी
विष्णु के सहस्रों नामों पर रखना !
अपने मित्रों और दुश्मनों के नाम भी
मन ही मन बदल देना ,
उनके नाम भी विष्णु जी के
प्रचलित नामों पर रखना!
और हां!
दिन रात उठते बैठते
चलते फिरते
सोते जागते
हरि हरि करना !
तब स्वयंमेव बदल जाओगे !
अपने को जान जाओगे !
हे मन !
तुम तम के समंदर को
लांघ जाओगे !
अपनी क्षुद्रताओं को
भस्मित कर पाओगे !
मन के गगन के ऊपर
स्वचेतना को हर पल
पुलकित होते पाओगे।
अपनी क्षमता को
जान जाओगे।
१३/०२/२०२५.
Written by
Joginder Singh
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