देश दुनिया और समाज खूब तरक्की कर रहा है, अच्छी बात है परन्तु चिंतनीय है कि चारों तरफ़ गन्दगी के ढेर बढ़ रहे हैं, लोग बीमार होकर असमय मर रहे हैं। हमें मुगालता है कि हम विकास कर रहे हैं। यह कभी नहीं सोच पाते कि भीतर तक सड़ रहे हैं, घुट घुट कर मर रहे हैं।
यही नहीं आसपास फैला कूड़ा कर्कट कचरा, स्वास्थ्य के लिए बना है खतरा। इस ओर हम अक्सर दे नहीं पाते ध्यान, जब कोई हमारी आवाज़ नहीं सुनता, भीतर तक होते परेशान। चाहते कोई तो करे , परेशानियों का समाधान। आओ हम सब मिलकर कूड़ा कर्कट प्रबंधन से जुड़ें ताकि बची रहें सुख समृद्धि और सम्पन्नता की जड़ें, सब सकारात्मक जीवन की ओर बढ़ें।
कूड़ा कर्कट प्रबंधन का है एक सीधा सादा सरल तरीका, हम अपनाएं जीवन में सादगीपूर्ण जीवन जीने का सलीका। हम कूड़ा कर्कट तत्क्षण समेट लें , कोई इसे आकर उठाएगा , आसपास साफ़ सुथरा बनाएगा। हम करें न इसका इन्तज़ार, हम स्वयं ही इसे यथास्थान पहुंचा दें। यही नहीं, कूड़े कर्कट को भी उपयोगी बनाएं। इसके लिए समुचित प्रोद्यौगिकी को अपनाएं। इस सबसे बढ़कर हम अपने मनोमस्तिष्क को भूलकर भी कभी कूड़ा दान न बनाएं , ताकि आदमी को कचोटे न कभी कोई कमी। हम सभी अपना ध्यान जीवन में कूड़ा कर्कट प्रबंधन में लगाएं। मतवातर बढ़ता जा रहा कूड़े कर्कट के ढेर कभी जी का जंजाल न बन पाएं , आदमी कभी तो सुख का सांस ले पाएं। ०१/०२/२०२५.