यहाँ वहाँ सब जगह कुछ लोग अपनी बात बेबाकी से रख आग में घी डालने का काम बहुत सफाई से करते हैं। ऐसे लोग प्रायः सभी जगह मिलते हैं! लोग भी इनकी बातों का समर्थन बढ़ चढ़ कर करते हैं।
उनके लिए लोग बेशक लड़ते झगड़ते रहें , पर वे अपनी बात पर डटे रहते हैं! ऐसे लोग प्रायः जनता जर्नादन के प्रिय बने रहते हैं! कुछ लोग बड़े प्यार और सहानुभूति से दुखती रग को सहला कर सोए दुःख को जगा कर अपने को अलग कर लेते हैं ! वे अच्छे और सच्चे बने रहते हैं ! उन्हें देख समझ कर आईना भी शर्मिंदा हो जाता है, परंतु कुछ लोग सहज ही इस राह पर चल कर दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करते हैं। वे आँखों का तारा बने चमकते रहते हैं।
कुछ लोग बात ही बात में अपना उल्लू सीधा कर जाते हैं। जब तक हकीकत सामने आती है, वे सर्वस्व हड़प जाते हैं , चुपके से अराजकता फैला जाते हैं। वे मुश्किल से व्यवस्था के काबू में आते हैं।
कुछ लोग किसी असाध्य रोग से कम नहीं होते हैं, आजकल उनकी गिनती बढ़ती जा रही है, व्यवस्था उनके चंगुल में फंसती जा रही है। फिर कैसे जिन्दगी आगे बढ़े ? या वह उन दबंगों से मतवातर डरती रहे । इस बाबत आप भी कभी अपने विचार प्रकट करें। २१/०१/२०२५.