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Jan 21
व्यक्ति को
विशेष
बनाता है ,
मन के भीतर व्याप्त
जिम्मेदारी का
अहसास!
व्यक्ति
स्वयं को
समझता है खास।
अभी अभी
सुबह सुबह
पढ़ी है एक ख़बर
मेरे शहर का
एक बालक
जूडो की चैंपियनशिप में
जीत कर लाया है
एक सिल्वर मेडल।
वह बड़ा होकर
माँ को देना चाहता है
एक घर की सौगात !
छोटे भाई को
बनाना चाहता है
एक अच्छा इंसान !
उम्र उसकी अभी है
बारह साल ,
वह रखना चाहता है
माँ और छोटे भाई का ख्याल।
जिम्मेदारी की भावना
उसे बना देती है ख़ास।
उसे है जीवन की
मर्यादा का अहसास।
मैं चाहता हूँ कि
मेरा शहर उसके स्वप्न को
पूरा करने में मददगार बने
ताकि विशिष्टता का भाव
उसके भीतर सदैव बना रहे।
जीवन संघर्ष में वह विजयी बने।
सार्थकता के पुष्प
उसके इर्द गिर्द खिलते रहें !
उसे प्रफुल्लित करते रहें !!
विशेष विशिष्ट बने!
जीवन की सुगंध
उसका मार्ग प्रशस्त करती रहे।
२१/०१/२०२५.
Written by
Joginder Singh
31
 
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