चोरी चोरी चुपके चुपके बहुत कुछ घटता है छुप छुप के। अगर अचानक कोई रंगे हाथों पकड़ा जाता है, तो उसका प्यार या फिर लुकाव छुपाव सबके सामने आ जाता है , स्वत: सब कुछ खुल कर नजर आ जाता है , पर्दाफाश हो जाता है। हरेक शरीफ़ और बदमाश तक प्रायः इस अनावृत हो जाने की घबराहट की जद में आ जाता है। पर्दाफाश होने का डर आदमी के समाप्त होने तक पीछा करता रहता है। अच्छा रहेगा आदमी दुष्कर्म न ही करे ताकि कोई डर अवचेतन मन में दु:स्वप्न बनकर मतवातर पीछा न करे। 16/01/2025.