नया साल इस बार अच्छे से तैयार होकर आया है। सबके लिए सकारात्मक सोच से भरे नए नए विचारों को जीवन धारा में संयोजित करने का संकल्प लेकर आया है। अभी अभी पढ़े है मैंने दो मन के भीतर भरोसा जगाने वाले दो समाचार। पहला समाचार कुछ इस प्रकार है कि "अब जेलों में कैदियों और उनके बच्चों को शिक्षित करेंगे जेबीटी अध्यापक, (बेरोज़गारी के दौर में ) १५ को मिली नियमित नियुक्ति " इससे पहले इन पदों पर अस्थाई नियुक्ति होती थी, अब हुई है नियमित भर्ती। उम्मीद है देश दुनिया में कार्यरत सरकारें ऐसी सकारात्मक सोच और योजनाओं को अपने यहां भी लागू कर पाएंगी, बेरोज़गारी के खिलाफ़ अपने नागरिकों में जन चेतना की अलख जगाएंगी । देश दुनिया और समाज को जागरूक करते हुए ' वसुधैव कुटुम्बकम् ' के उज्ज्वल पथ पर आगे बढ़ाएंगी।
दूसरा समाचार भी कुछ इस प्रकार है कि पंचनद प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे मिड-डे-मील योजना के तहत सर्दियों के अवकाश के बाद जनवरी माह के लिए कड़ाके की ठंड से बचने को ध्यान में रखते हुए देसी घी से तैयार हलवे और पौष्टिकता से भरपूर खीर का लुत्फ़ उठा पाएंगे। अपने भीतर उमंग तरंग और व्यवस्था के सम्मान भाव जगाते हुए स्वास्थ्यवर्धक योजना का लाभ उठा पाएंगे।
तीसरा समाचार भी कुछ इस प्रकार रहना चाहिए कि सभी लोग नख से शिख तक जागरूक हो गए हैं, वे अपने भीतर लक्ष्य सिद्धि के भाव जगा कर देश, दुनिया और समाज को सुख समृद्धि, संपन्नता और सौहार्दपूर्ण माहौल की निर्मित करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। हालांकि यह समाचार मेरे बावरे मन की उपज है। यह कपोल कल्पित है । क्या पता कोई चमत्कार हो जाए ! एक दिन यह भी सच्चाई में बदल जाए !! फिर कैसे कोई जीवन धारा में पिछड़ जाए ?.... और... जीवन में अराजकता की आंधी को फैलाने की सोच पाए ? काश! सभी अपने भीतर सकारात्मक होने की लग्न और चाहत जगा पाएं। इसी जीवन में समरसता के साथ जीवन यापन कर पाएं। ०३/०१/२०२५.