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Jan 1
आजकल देश दुनिया में
जितनी समस्याएं
संकट बनकर चुनौतियां दे रहीं हैं
उसके अनुपात में
विकल्प ढूंढ़ने के लिए
संकल्पना का होना अपरिहार्य है।
इससे कम न अधिक स्वीकार्य है।
हम सबके संकल्प
होने चाहिएं दृढ़ता का आधार लिए
ताकि संतुलित जीवन दृष्टि
हमें सतत् आगे बढ़ाने के लिए
पुरज़ोर प्रोत्साहित करती रहे।
समाज में वैषम्य किसी हद तक
कम किया जा सके।
समस्त बंधु बांधवों में
नई ऊर्जा और उत्साह से निर्मित
उमंग तरंग और चेतना जगाकर
देश दुनिया व समाज को
नित्य नूतन नवीन रास्ते पर
चलने , आगे बढ़ने के लिए
निरंतर प्रयास किए जा सकें।
सबके लिए
संभावना के द्वार खोले जा सकें।
सभी बंधुओं को
जड़ों से जोड़कर
उनका जीवन पथ प्रशस्त किया जा ‌सके।
उनके मन-मस्तिष्क के
भीतर उजास जगाया जा सके।
उन्हें उदास होने से बचाया जा सके।
आज सभी को खोजने होंगे
जीवन में आगे बढ़ने के निमित्त
नित्य नूतन विकल्प,
वह भी दृढ़ संकल्प शक्ति के साथ
ताकि सभी जीवन में जूझ सकें।
अपने भीतर मनुष्योचित
सूझबूझ और पुरुषार्थ उत्पन्न कर सकें।
जीवन में सुख समृद्धि और सम्पन्नता को वर सकें।
०१/०१/२०२५.
Written by
Joginder Singh
29
 
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