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यह जीवन जितना दिखता है सरल ,
उतना ही है यह जटिल।
इसमें जीने की खातिर
चली जाती हैं चालें बड़ी कुटिलता से
ताकि जीवन धारा को सतत्
ज़ारी रखा जा सके।
इसे उपलब्धियों के साथ
आगे ही आगे बढ़ाया जा सके।

जिन्दगी की राह में
यदि अड़चनें आती हैं बार बार
तब भी आप धीरज और सब्र संतोष को
संघर्ष और सूझ बूझ से बनाए रखें।
अपने भीतर सुधार और परिष्कार की
गुंजाइश बनाते हुए
आगे बढ़ने के करते रहें प्रयास,
ताकि क़दम क़दम पर
जिन्दगी की राह हमें
उपहार स्वरूप कराती रहे
आशा और संभावना से जुड़े
समय समय पर
जीवन के सार्थक होने का अहसास।

जिंदगी की राह
मुश्किलों और दुश्वारियों से है भरी हुई,
इस पर चलते हुए
फिसले नहीं कि
सब कुछ तबाह
और नष्ट,
मिलने लगता कष्ट।

इस राह पर आगे बढ़ते हुए
हरएक को रहना चाहिए सतर्क ,
जिन्दगी को सलीके से जीने के लिए
गढ़ने ही पड़ते हैं अपने लिए अनूठे तर्क ,
इनके अभाव में हो सकती है इसकी राह गर्क।
जिन्दगी की राह को आसान करने के लिए दिन रात
करनी पड़ती है मेहनत
और तब कहीं जाकर सफलता मिल पाती है,
अन्यथा कभी कभी इस की राह में रूकावटें बढ़ जाती हैं,
और जिंदगी के तमाम उतार चढ़ावों के बावजूद
हासिल कुछ नहीं होता , आदमी हाथ मलते रह जाते हैं।
३०/१२/२०२४.
Written by
Joginder Singh
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