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Dec 2024
कार्टूनिस्ट
कमाल के साथ रखते हैं
प्रखर करने वाला विचार ,
यह जीवन के किसी भी क्षेत्र से
जुड़ा हो सकता है समाजोपयोगी से लेकर
राजनीतिक परिवर्तन तक।

अभी अभी
एक कार्टून ने
मेरे दिमाग से पूर्वाग्रह और दुराग्रह का
कचरा व कूड़ा कर्कट
कर दिया है साफ़ !

मुझे आम आदमी की
बेवजह से की गई
जद्दोजहद और कश्मकश
और
समान हालात में
नेतृत्वकर्ता के
लिए गये फैसले का बोध
कार्टून के माध्यम से
क्रिस्टल क्लियर हद तक
हुआ है स्पष्ट।

पशु को आगे बढ़ाने की
कोशिश में
आम आदमी ने
पशु को मारा , पीटा और लताड़ा ,
जबकि
नेतृत्वकर्ता ने
उसे चारे का लालच देकर ,
उसके सामने खाद्य सामग्री लटकाकर ,
उसे आगे बढ़ने के लिए
बड़ी आसानी से किया प्रोत्साहित।

इस एक कार्टून को देखकर
मुझे एक व्यंग्य चित्र का
आया था ध्यान ,
जो था कुछ इस प्रकार का, कि
भैंस को सूखा चारा खिलाने के निमित्त
ताकि कि उसका लग सके खाने में चित्त ।
भैंस की आंखों पर ,
हरे शीशों वाला चश्मा लगाया गया था।
इस चित्र और आज देखे कार्टून ने
मुझे इतना समझा दिया है कि
कोई भी समस्या बड़ी नहीं होती ,
उसे हल करने की युक्ति
आदमी के मन मस्तिष्क में होनी चाहिए।

अब अचानक मुझे
समकालीन राजनीतिक परिदृश्य में
सत्ता पक्ष और प्रति पक्ष द्वारा
जनसाधारण से
मुफ़्त की रेवड़ियां बांटने ,
लोक लुभावन नीतियों की बाबत
अथक प्रयास करने का सच
सहज ही समझ आ गया।
दोनों पक्षों का यह मानना है कि
हम करेंगे
अपने मतदाताओं से
मुफ़्त में
सुखसुविधा और "विटामिन एम " देने का वायदा !
ताकि मिल सके जीवन में सबको हलवा मांडा ज़्यादा !!
२९/१२/२०२४.
Written by
Joginder Singh
31
 
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