Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Dec 2024
देश दुनिया में से
ग़रीबी
तब तक
नहीं हटेगी ,
जब तक
खुद मुफलिसी से
जूझने वाले
नहीं चाहेंगे ।
वे अपने भीतर
इससे लड़ने का साहस नहीं
जुटायेंगे ।
तभी देश दुनिया
ग़रीबी उन्मूलन अभियान
चला पायेंगे।
वैसे हमारे समय का
कड़वा सच है कि
यदि देश दुनिया में ग़रीबी न रहेगी
तो बहुत से
तथाकथित सभ्य समाजों में
खलबली मच जाएगी ,
उनकी तमाम गतिविधियों पर
रोक लग जाएगी।
सच कहूं तो
दुनिया
जो सरहदों में बंटी हुई है
वह एकीकृत होती नज़र आयेगी।
सब लोगों में
आत्मिक विकास एवं आंतरिक शांति की
ललक बढ़ जाएगी।
देश दुनिया सुख समृद्धि संपन्नता सौहार्दपूर्ण माहौल में
अपने को जागृत करती हुई नजर आएंगी।
ज़ंग की चाहत और आकांक्षा पर
पूर्ण रूपेण रोक लग जाएगी।
यह असम्भव दिवास्वप्न नहीं,
इस ग़रीबी उन्मूलन की दिशा में
सभी एक एक करके बढ़ें तो सही।
२९/१२/२०२४.
Written by
Joginder Singh
33
 
Please log in to view and add comments on poems