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11h
इस देश में
अब सब को शिखर
छूने का है
हक़।
शिखर पर पहुंचने के लिए
अथक मेहनत करनी
पड़ती है
बेशक।
देश में दंगा फ़साद
क्यों होता रहे ?
अब सब को
तालीम मिले
ताकि
सभी को निर्विवाद रूप से
शिखर पर पहुंचने की
संभावना दिखे !
सभी इसके
लिए
प्रयास करें
और एक दिन
शेख साहिब शिखर को छूएं !
मेरी आंखें
उन्हें सफलता का दामन थामते हुए देखें ।

यह छोटी सी अर्ज़ है
कि तालीम की ताली से
सफलता का ताला
सब को खोलने का अवसर मिले।
इसकी खातिर सम्मिलित
प्रयास करना
हम सब का फर्ज़ है।
यह कुदरत का सब पर कर्ज़ है।
क्यों न सब इस के लिए
प्रयास करें ?
ताकि
देश समाज में
शांतिपूर्वक संपन्नता और सौहार्दपूर्ण वातावरण बने
और
जीवन गुलाब सा गुलज़ार रहे !
कोई भी साज़िश का शिकार न बने।
सब आगे बढ़ें, कोई भी तिरस्कृत न रहे।
कोई भी दंगा फ़साद न करे।
बेशक कोई भी अपनी योग्यता के कारण
जीवन में सफलता के शिखर पर पहुंचकर
राष्ट्र और समाज का नेतृत्व करे ।
देश दुनिया को सुरक्षित करे ।
२२/१२/२०२४.
Written by
Joginder Singh
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