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6d
आदमी
यदि जानबूझकर
अपनी ज़िद पर
अड़ा रहे ,
दूसरे को जिंदगी के
कटघरे में
खड़ा करे
तो व्यक्ति
क्या करे ?
क्यों न वह
निंदा को
एक हथियार
बनाकर
शक्ति प्रदर्शन करे ?
सोचिए
ज़रा खुले मन से ,
उसको
शर्मिन्दा करने के लिए
थोड़ी सी
निंदा की है ,
कोई
कमीनगी
थोड़ा की है ,
जैसा को तैसा वाली
प्रतिक्रिया
भर की है ।

११/१२/२०२४.
Written by
Joginder Singh
38
 
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