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Dec 9
अच्छे का निधन
सबको कर देता है निर्धन !
सोच के स्तर पर
मृत्यु लगा जाती एक नश्तर ।
यही नहीं, वह मानव के कान के पास
अपनी अनुभूति का आभास करा कर
चुपचाप फुसफुसाते हुए कराती है अपनी प्रतीति कि-
" बांध ले भइया! अपना बोरिया बिस्तर ,
आत्मा करना चाहती है , अब धारण नए वस्त्र!"
मौत जीवन की सहचरी है ,
जिसने  जीवन में करुणा भरी है।
यह वह क्षण है ,
जब आत्मा अपने उद्गम की ओर
लौट जाती है।
यह हमें हतप्रभ कर जाती है ।

०६/०१/२०१७.
Written by
Joginder Singh
23
 
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