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Dec 9
अगर तुम्हें
इंसाफ़ चाहिए
तो लड़ने का ,
अन्याय से
बेझिझक
जा भिड़ने का
कलेजा चाहिए ।
मुझे नहीं लगता
कि यह तुम में है ।
फिर तुम
किस मुंह से
इंसाफ़ मांगती हो ?
अपने भीतर
क्यों नहीं झांकते हो ?
क्यों किसी इंसाफ़ पसंद
फ़रिश्ते की राह ताकते हो ?
तुम सच की  
राह साफ़ करो।
जिससे सभी को
इंसाफ़ मयस्सर हो।
दोस्त , इस हक़ीक़त के
रू-ब-रू  हो तो सही।
सोचो , तुम किसी
फ़रिश्ते से यक़ीनन कम नहीं।

१७/०१/२०१७.
Written by
Joginder Singh
41
 
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